अंबिकापुर के मिशनरी स्कूल सेंट जॉन्स स्कूल में शिक्षिका ने 11वीं की छात्रा को डंडे से पीटा, हाथ में आई सूजन – परिजनों का फूटा गुस्सा

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अंबिकापुर।
छत्तीसगढ़ के प्रतिष्ठित मिशनरी स्कूल सेंट जॉन्स में एक शर्मनाक घटना सामने आई है। स्कूल की 11वीं कक्षा की विज्ञान संकाय की छात्रा गरिमा और करीब 15 अन्य छात्राओं को केवल रफ कॉपी में नोट्स लिखने पर शिक्षिका ने डंडे से पीट दिया। इस मारपीट में गरिमा के हाथ में सूजन आ गई, जिसे देखकर परिजन आक्रोशित हो उठे और मामले की शिकायत चाइल्ड लाइन और जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) से कर दी।

केमिस्ट्री क्लास में हुआ विवाद, घर लौटते ही खुला मामला

जानकारी के मुताबिक, छात्राएं रोज की तरह स्कूल आई थीं। केमिस्ट्री की क्लास के दौरान जब शिक्षक निर्मला टोप्पो को यह पता चला कि छात्राओं ने नोट्स रफ कॉपी में लिखे हैं, तो वे नाराज़ हो गईं। गुस्से में उन्होंने डंडे से पिटाई कर दी। घर लौटने पर छात्रा गरिमा के हाथ की सूजन देखकर परिजन हैरान रह गए और तुरंत शिकायत दर्ज करवाई।

स्कूल ने मांगी माफ़ी, दिया आश्वासन

शिकायत की जानकारी मिलते ही स्कूल प्रबंधन हरकत में आया और छात्रा व उसके परिवार से माफ़ी मांगी। साथ ही यह भी कहा गया कि भविष्य में इस तरह की घटना दोबारा नहीं दोहराई जाएगी

मिशनरी स्कूलों पर फिर उठे सवाल

यह कोई पहली बार नहीं है जब किसी मिशनरी स्कूल में बच्चों के साथ शारीरिक हिंसा की घटना सामने आई हो। कुछ ही समय पहले दुर्ग जिले के एक स्कूल में भी एक बच्ची के साथ बर्बरता की खबर आई थी, जिससे लोगों में काफी आक्रोश देखा गया था। अब अंबिकापुर में हुई इस घटना ने एक बार फिर मिशनरी स्कूलों के तौर-तरीकों और अनुशासन के नाम पर की जाने वाली सख्ती पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

परिजनों की मांग: हो सख्त कार्रवाई

छात्रा के परिजन और अन्य लोग मांग कर रहे हैं कि शिक्षा विभाग और चाइल्ड लाइन इस मामले में सख्त कार्रवाई करें, ताकि ऐसे शिक्षकों को सबक मिले और भविष्य में बच्चों की सुरक्षा को लेकर कोई समझौता न किया जाए

सवाल उठता है – क्या अनुशासन के नाम पर हिंसा सही है?
क्या अब समय नहीं आ गया कि स्कूलों में बच्चों की मानसिक और शारीरिक सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए?
आप क्या सोचते हैं? अपनी राय कमेंट में बताएं।


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