सूरजपुर: शिक्षा विभाग की संविदा भर्ती पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप, वायरल पत्र से मचा हड़कंप

सूरजपुर: शिक्षा विभाग की संविदा भर्ती पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप, वायरल पत्र से मचा हड़कंप

सूरजपुर। जिले के स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय की संविदा भर्ती 2025-26 अब विवादों में घिर गई है। सोशल मीडिया पर एक अभ्यर्थी अखिलेश कुमार का पत्र वायरल हो रहा है, जिसमें भर्ती प्रक्रिया में भारी गड़बड़ी पायी गयी, भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

शिक्षा विभाग में संविदा भर्ती पर भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप, रिश्तेदारों को नौकरी, योग्यों के साथ धोखा

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वायरल पत्र में क्या है आरोप?

अभ्यर्थी शिकायत करता अखिलेश कुमार ने कलेक्टर, कमिश्नर, जिला शिक्षा अधिकारी, शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव, मुख्यमंत्री कार्यालय और जिला पंचायत सदस्य नरेंद्र यादव तक गुहार लगाई है।
पत्र में दावा किया गया है—

  • भर्ती प्रक्रिया में पहले से चयन तय कर लिया गया था।
  • कर्मचारियों व अधिकारियों के रिश्तेदारों को फायदा पहुँचाया जा रहा है।
  • योग्य उम्मीदवारों के साथ अन्याय हो रहा है।
  • साक्षात्कार से पहले ही कुछ अभ्यर्थियों को प्रश्न-उत्तर बता दिए गए थे।
  • पिछली भर्ती में भी फर्जी अंकसूची और पैसों के लेन-देन की शिकायतें आई थीं।
  • इस बार भी वही पुराने चेहरे सूची में शामिल हो गए हैं।

आदेश और प्रक्रिया

  • आदेश क्रमांक 48-11/सहेजेस अंग्रेजी माध्यम संविदा शिक्षा भर्ती 2025-26, दिनांक 17 सितंबर 2025 को जारी हुआ।
  • 19 सितंबर को साक्षात्कार हेतु सूची प्रकाशित की गई।
  • लेकिन शिकायतकर्ता का कहना है कि पूरा खेल पहले से प्लांड था।

जनचर्चा और राजनीतिक रंग

  • पत्र में संदिग्ध चयनित अभ्यर्थियों की सूची भी संलग्न है, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
  • वायरल पत्र 25 सितंबर तक WhatsApp और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर तेज़ी से शेयर हो चुका है।
  • चाय दुकानों से लेकर चौक-चौराहों तक यही चर्चा है कि शिक्षा भर्ती में गड़बड़ी हुई है।
  • जिला पंचायत सदस्य नरेंद्र यादव और स्थानीय पत्रकारों के नाम आने से मामले को राजनीतिक रंग भी मिल गया है।

शिकायतकर्ता की मांग

  • पूरी भर्ती की जांच बाहरी अधिकारियों या विशेष जांच दल से कराई जाए।
  • चयन प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी बनाया जाए।
  • यदि चयन पहले से तय है, तो भर्ती को रद्द कर नई भर्ती कराई जाए।
  • फर्जी अंकसूची वालों को ब्लैकलिस्ट किया जाए और योग्य उम्मीदवारों को न्याय मिले।

अब सवाल उठ रहा है कि क्या यह सिर्फ एक शिकायत है या वाकई भर्ती घोटाले का पर्दाफाश?
जनता और अभ्यर्थी निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं।

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