मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में हुआ घोटाला अब किसी से छुपा नहीं है। कन्या विवाह योजना में घोटाला जांच में सामने आया है कि यहाँ सिर्फ 2 जगह शादियाँ हुईं, लेकिन टेंट का बिल 4 जगह से पास करवा लिया गया।
कैसे हुआ घोटाला?
- योजना के तहत हुए विवाह का बिल कई गुना बढ़ाकर पास कराया गया।
- जहाँ वास्तव में कार्यक्रम नहीं हुए, वहाँ भी टेंट और अन्य खर्चों के फर्जी बिल लगा दिए गए।
- इससे योजना के असली लाभार्थियों को नुकसान पहुँचा और सरकारी राशि का गबन हुआ।
मंत्री का बयान – “कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ”
जब मामला मीडिया में उजागर हुआ तो महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने इस पर सफाई दी। उनका कहना था:
“कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है, और अगर हुआ भी है तो उसकी जांच कलेक्टर करेंगे।”
बड़ा सवाल
इस बयान के बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं—
- अगर भ्रष्टाचार की जांच कलेक्टर ही करेंगे तो मंत्री की भूमिका क्या है?
- क्या मंत्री सिर्फ टेंट के बिल पास करने के लिए जिम्मेदार हैं या भ्रष्टाचार रोकने के लिए?