राजिम विकासखंड के ग्राम पंचायत लफंदी में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत बड़ा घोटाला सामने आया है। पंचायत की रोजगार सहायिका पर मनरेगा मस्टर रोल में फर्जीवाड़ा कर हितग्राहियों की राशि हड़पने का आरोप लगा है। शिकायत मिलने पर उच्च अधिकारियों ने मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
मामला क्या है?
ग्राम पंचायत लफंदी की रोजगार सहायिका दिलेश्वरी साहू पर आरोप है कि उसने प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत मिलने वाली राशि में हेराफेरी की।
- योजना के तहत प्रत्येक हितग्राही को ₹1,30,000 नकद सहायता और ₹25,000 मनरेगा मस्टर रोल से भुगतान किया जाता है।
- लेकिन रोजगार सहायिका ने वास्तविक हितग्राहियों के नाम की बजाय अपने परिचितों और यहां तक कि गांव में न रहने वाले लोगों के नाम मस्टर रोल में दर्ज कर राशि निकाल ली।
जब लाभार्थियों ने ऑनलाइन मस्टर रोल देखा तो अनियमितता का खुलासा हुआ।
हितग्राहियों को गुमराह और धमकी
गड़बड़ी का पता चलने पर जब हितग्राहियों ने रोजगार सहायिका से अपने पैसों की जानकारी मांगी, तो वह गोलमोल जवाब देने लगी और यहां तक कि ग्रामीणों को धमकाने लगी कि –
“जहां चाहो शिकायत कर लो, कुछ नहीं होगा। मैं दूसरे गांव से आती हूं, मुझे भी खर्च लगता है।”
ऑनलाइन मस्टर रोल से खुलासा
- मस्टर रोल क्रमांक 2611 और 5286 समेत कई दस्तावेजों में फर्जी नाम और भुगतान सामने आए।
- फिलहाल करीब 45 हितग्राही सामने आए हैं, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि जांच में यह संख्या और बढ़ सकती है।
- पंचायत सचिव ने ग्राम सभा में शिकायत आने पर इसे अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर बताते हुए पल्ला झाड़ लिया।
अब ग्रामीण कलेक्टर जनदर्शन में पहुंचकर शिकायत करने और हड़पी गई राशि वापसी की मांग करने की तैयारी में हैं।
अधिकारियों की प्रतिक्रिया
जनपद पंचायत मनरेगा फिंगेश्वर की प्रोग्रामर अधिकारी रीना ध्रुव ने कहा –
“अभी तक कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है। यदि शिकायत मिलती है तो जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
मुख्यमंत्री का सख्त रुख
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं –
“प्रधानमंत्री आवास योजना में यदि धोखाधड़ी या रिश्वतखोरी पाई गई तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
अब देखना होगा कि लफंदी पंचायत के इस मामले में सरकार और प्रशासन क्या कदम उठाता है।
ग्रामीण लामबंद
इस पूरे मामले को लेकर ग्रामीणों ने कलेक्टर जनदर्शन में सामूहिक रूप से पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई है। ग्रामीणों ने रोजगार सहायिका के खिलाफ कठोर कार्रवाई और गबन की गई राशि वापसी की मांग की है।