काठमांडू/नेपाल।
नेपाल में उथल-पुथल और जनआंदोलन के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। यह कदम उस समय उठाया गया जब राजधानी काठमांडू समेत कई शहरों में हिंसा और आगजनी ने हालात को बेकाबू कर दिया। सबसे बड़ी घटना तब हुई जब प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन को आग के हवाले कर दिया।
इस्तीफे के पीछे की वजह
- सोशल मीडिया ऐप्स पर बैन से भड़की Gen-Z युवा पीढ़ी।
- राजधानी और बड़े शहरों में हिंसक प्रदर्शन, तोड़फोड़ और आगजनी।
- आर्मी चीफ जनरल अशोक राज सिगडेल की चेतावनी के बाद ओली का कदम।
- राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने इस्तीफा तुरंत स्वीकार किया।
कहाँ-कहाँ फैली हिंसा?
- काठमांडू, पोखरा, विराटनगर और नेपालगंज में हिंसक झड़पें।
- कई इलाकों में कर्फ्यू और इंटरनेट बैन।
- सरकारी संपत्तियों को भारी नुकसान।
- गृहमंत्री रमेश लेखक और पीएम ओली के घर में आगजनी।
पीएम ओली का बयान
“मैं देश की शांति और स्थिरता के लिए इस्तीफा दे रहा हूँ। जनता की आवाज़ सुनी जानी चाहिए।”
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं
भारत, चीन और अमेरिका ने शांति की अपील की है। संयुक्त राष्ट्र ने सभी पक्षों से संयम बरतने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया का सम्मान करने का अनुरोध किया।
आगे क्या?
- इस्तीफे के बाद नेपाल में संवैधानिक संकट गहराने की आशंका।
- सरकार बनाने में नेपाली कांग्रेस और माओवादी सेंटर की भूमिका निर्णायक।
- विश्लेषकों के अनुसार, आने वाले दिन नेपाल की राजनीतिक दिशा तय करेंगे।