बस्तर में मिड-डे मील घोटाला: बच्चों को मिला बेस्वाद खाना, 7 जिम्मेदारों पर गिरी गाज

CG Halchal

रायपुर। मध्याह्न भोजन योजना (Mid-Day Meal) में लापरवाही पर अब हाईकोर्ट के सख्त रुख के बाद शिक्षा विभाग हरकत में आ गया है। बस्तर जिले की माध्यमिक शाला उलनार (विकासखंड बकावंड) में बच्चों को घटिया और अधूरा खाना परोसने के मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है।

संयुक्त संचालक शिक्षा ने BEO, BRC, संकुल समन्वयक और 7 शिक्षकों पर कार्रवाई का आदेश दिया है। इनमें सभी का एक-एक वेतन वृद्धि रोकने का आदेश जारी हुआ है।

निरीक्षण में खुली पोल

  • निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने देखा कि बच्चों को परोसी जा रही आलू-बड़ी की सब्जी में न तेल था, न मसाला।
  • महीनों से प्याज का इस्तेमाल तक नहीं हुआ था।
  • बच्चों ने बताया कि उन्होंने आज तक पापड़ और अचार कभी नहीं खाया।
  • शिकायत यह भी रही कि उन्हें भरपेट भोजन तक नहीं मिलता।

हैरानी की बात यह है कि 6 सितंबर के बाद से मिड-डे मील का परीक्षण (चखना) तक नहीं किया गया था, जबकि सरकार ने साफ निर्देश दिए हैं कि हर दिन परोसने से पहले भोजन को शिक्षक द्वारा चखना और उसका पंजी में इंद्राज करना अनिवार्य है।

स्कूल की स्थिति भी खराब

  • परिसर में बड़े-बड़े घास उग आए थे, जिससे दुर्घटना का खतरा बना हुआ था।
  • साफ-सफाई की कोई व्यवस्था नहीं मिली।

जिन पर कार्रवाई हुई

  • बीईओ बकावंड: डेसनाथ पांडे
  • बीआरसी: सोनसिंह बघेल
  • संकुल समन्वयक: पवन कुमार समरथ
  • प्रधान पाठक: सुनीता कश्यप
  • शिक्षिकाएँ: अलका कुरुवंशी, पदमा कश्यप और विमला झलके

सभी पर एक-एक वेतन वृद्धि रोकने का आदेश जारी किया गया है।

1002385397 734x1024 1

अब बड़ा सवाल

  • क्या ऐसी कार्रवाई से मिड-डे मील की लापरवाही रुकेगी?
  • कब बच्चों को वास्तव में पोषक और गुणवत्तापूर्ण भोजन मिलेगा?

Join WhatsApp

Join Now

Leave a Comment