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केंद्र सरकार की ओर से बीपीएल राशन कार्ड धारकों की संदिग्ध सूची जारी होने के बाद पूरे जिले में हड़कंप मच गया है। इस सूची में उन 1.31 लाख परिवारों को शामिल किया गया है जिनके पास ढाई एकड़ (2.47 एकड़) से अधिक कृषि भूमि पाई गई है। बताया जा रहा है कि ऐसे कार्ड धारकों के राशन कार्ड निरस्त करने की प्रक्रिया जल्द शुरू की जा सकती है।
लोगों में डर का माहौल
पलारी नगर पंचायत कार्यालय में गुरुवार को सैकड़ों हितग्राही अपने नाम की जांच कराने पहुंचे। कई लोगों के चेहरों पर चिंता साफ झलक रही थी। उन्हें डर है कि अगर उनका कार्ड निरस्त हो गया तो रोज़ी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा।
जैसे ही इस सूची की मुनादी हुई, नगर पंचायत में भीड़ उमड़ पड़ी। कई हितग्राहियों ने अधिकारियों से कहा कि वे वास्तविक गरीब हैं, उनके पास न जमीन है न आय का कोई साधन।
नगर पंचायत में चस्पा की गई संदिग्धों की सूची
नगर पंचायत और ग्राम पंचायतों में संदिग्ध हितग्राहियों की सूची सार्वजनिक रूप से चस्पा कर दी गई है ताकि लोग स्वयं जांच सकें। राशन दुकानों पर भी यह सूची उपलब्ध कराई जा रही है।
लोग अपना नाम और जमीन का विवरण जांचने के लिए लगातार पंचायत और नपं कार्यालय पहुंच रहे हैं।
पटवारियों से कराया जाएगा सत्यापन
शासन द्वारा राशन कार्ड में दर्ज नामों का जमीन आधारित सत्यापन कराया जा रहा है। इसके लिए पटवारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
सत्यापन के बाद जिनके नाम पर ढाई एकड़ से अधिक जमीन पाई जाएगी, उनके कार्ड निरस्त किए जा सकते हैं।
हालांकि अंतिम निर्णय से पहले हितग्राहियों को अपना पक्ष रखने का अवसर दिया जाएगा।
हितग्राहियों की पीड़ा: “हम असली गरीब हैं”
नगर पंचायत पहुंची तीजबती यादव, रेखा यादव, संतोषी, पदेशनिन सहित कई हितग्राहियों ने कहा –
“हमारे पास न जमीन है, न पैसा। अगर कार्ड निरस्त हुआ तो परिवार कैसे चलेगा?”
कई लोगों ने अधिकारियों से गुहार लगाई कि उन्हें संदिग्ध सूची से हटाया जाए।
केंद्र और राज्य के मापदंडों में अंतर
इस पूरे विवाद की जड़ केंद्र और राज्य सरकार के गरीबी निर्धारण मानदंडों का अंतर है।
केंद्र सरकार के अनुसार, 2.47 एकड़ से अधिक भूमि वाले परिवार संदिग्ध माने गए हैं, जबकि राज्य सरकार के अपने पात्रता नियम हैं।
जिला खाद्य अधिकारी तना राम वर्मा ने बताया –
“केंद्र सरकार के निर्देश पर ही यह सत्यापन अभियान चलाया जा रहा है। प्रदेश में कुल 1,31,794 हितग्राही ऐसे पाए गए हैं, जिनके पास निर्धारित सीमा से अधिक जमीन है।”