रायपुर। राजधानी में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए शिक्षा विभाग के बाबू मनोज कुमार ठाकुर को ₹10,000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया। आरोपी लंबे समय से शिक्षकों से मेडिकल बिल पास कराने और अन्य कामों के नाम पर घूस वसूल रहा था।
शिकायत पर हुई कार्रवाई
अभनपुर पारागांव निवासी शिक्षक चंद्रहास निषाद ने अपने बच्चे के इलाज पर लगभग ₹1.5 लाख खर्च किए थे। इसके लिए उन्होंने स्कूल में ₹1 लाख का मेडिकल बिल प्रस्तुत किया। बिल पास करने के नाम पर बाबू ने ₹10,000 की रिश्वत की मांग की।
- शिक्षक ने ACB में शिकायत दर्ज कराई।
- शिकायत सही पाए जाने पर टीम ने योजना बनाकर छापा मारा।
- बाबू को घूस लेते ही फिल्मी अंदाज में धर दबोचा गया।
घूसखोरी की आदत बना ली थी
सूत्रों के अनुसार, बाबू मनोज ठाकुर लंबे समय से मेडिकल बिल, वेतन और अन्य फाइल पास कराने के नाम पर शिक्षकों से अवैध वसूली करता आ रहा था। मजबूरी में शिक्षक समुदाय को उसकी मांग माननी पड़ती थी।
जेल भेजा गया आरोपी
गिरफ्तारी के बाद आरोपी को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। ACB ने आगे की जांच शुरू कर दी है।
बड़ा संदेश – भ्रष्टाचार पर लगेगी लगाम
इस कार्रवाई से शिक्षा विभाग के अन्य कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है। शिक्षक और आम जनता का कहना है कि ऐसे भ्रष्ट कर्मचारियों पर लगातार कार्रवाई होनी चाहिए ताकि सरकारी दफ्तरों में व्याप्त रिश्वतखोरी खत्म हो सके।