CGPSC Paper Leak Scam : परीक्षा से पहले बंटा पेपर, रिश्तेदार बने अफसर – टामन सिंह के खेल से CBI हैरान

CGPSC Paper Leak Scam

रायपुर। CGPSC Paper Leak Scam: छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) भर्ती परीक्षा घोटाले में चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं। जांच में यह साबित हुआ है कि वर्ष 2020 की राज्य सेवा परीक्षा का प्रश्नपत्र परीक्षा से पहले ही लीक कर दिया गया था। तत्कालीन चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी तक पेपर पहुंचा और उनके रिश्तेदारों को सीधे लाभ मिला।

सीबीआई की जांच रिपोर्ट ने साफ किया है कि सोनवानी की बहुएं निशा कोसले (डिप्टी कलेक्टर) और दीपा आदिल (आबकारी अधिकारी), बेटा नितेश, भतीजा साहिल सोनवानी समेत कई परिजनों को फायदा पहुंचाया गया।

2020-22 तक लीक हुआ पेपर

सीबीआई ने पुष्टि की है कि 2020 से 2022 तक लगातार पेपर लीक हुए।
इस मामले में पूर्व सचिव जीवन किशोर ध्रुव, तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक समेत 5 आरोपित गिरफ्तार।
कोर्ट ने सभी को 22 सितंबर तक रिमांड पर भेजा है।
सूत्रों के अनुसार, आरती वासनिक का निलंबन भी जल्द हो सकता है।

रिश्तेदारों को फायदा पहुंचाने का खेल

  • 2020 की प्री और मेन्स परीक्षा से पहले ही प्रश्नपत्र बांटा गया।
  • 2021 में सचिव जीवन किशोर ध्रुव का बेटा सुमीत ध्रुव डिप्टी कलेक्टर बना।
  • टामन सिंह के बेटे, बहुएं और भतीजे अफसर बने।
  • सीबीआई ने आरती वासनिक को मुख्य दोषी बताया।

नियमों में बदलाव कर बनाए रखा प्रभाव

14 जुलाई 2021 को सोनवानी ने नियम बदलवाए।
‘रिश्तेदार’ की परिभाषा बदलकर सिर्फ ‘परिवार’ किया, जिससे भतीजों को बाहर कर दिया गया
नियम बदलकर खुद को चयन बोर्ड से अलग होने से बचाया और परिवार को फायदा दिलाया।

आगे की कार्रवाई

सीबीआई की रिमांड में रहे आरोपियों से पूछताछ में सहयोग न मिलने पर एजेंसी दोबारा रिमांड की तैयारी कर रही है।
सोमवार को आरोपितों को विशेष कोर्ट में पेश किया जाएगा।

यह घोटाला न केवल छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी भर्ती परीक्षा सीजीपीएससी की पारदर्शिता पर सवाल खड़े करता है बल्कि शासन-प्रशासन में गहराई तक फैले भ्रष्टाचार का बड़ा उदाहरण भी है।

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