दृष्टिहीन नाबालिग से दुष्कर्म: सौतेले पिता और रिश्ते के नाना को अंतिम सांस तक उम्रकैद

दृष्टिहीन नाबालिग से दुष्कर्म

सूरजपुर (छत्तीसगढ़), 7 अगस्त 2025
जिले की फास्ट ट्रैक विशेष अदालत ने एक दिल दहला देने वाले मामले में दृष्टिहीन नाबालिग बालिका से दुष्कर्म के दोषी सौतेले पिता और रिश्ते में नाना को अंतिम सांस तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

यह मामला सूरजपुर जिले के ओड़मी थाना क्षेत्र का है, जिसने पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया। पीड़िता वर्ष 2022 से 2024 के बीच अपने ही सौतेले पिता की हवस का शिकार होती रही, वहीं 9 जुलाई 2024 को रिश्ते के नाना ने भी उसकी दिव्यांगता का फायदा उठाकर दरिंदगी की हदें पार कर दीं।

अदालत का फैसला

विशेष न्यायाधीश श्री आनंद प्रकाश वारियाल की अदालत ने दोनों आरोपियों को पॉक्सो एक्ट की धारा 6 सहित भारतीय दंड संहिता की धारा 127 बीएनएस के तहत दोषी पाते हुए यह कठोरतम सजा सुनाई:

  • वंशलाल (सौतेला पिता):
    • अंतिम सांस तक आजीवन कारावास
    • ₹1,000 जुर्माना
  • धर्मेन्द्र गुर्जर (रिश्ते में नाना):
    • अंतिम सांस तक आजीवन कारावास
    • एक वर्ष का कठोर कारावास (अतिरिक्त)
    • ₹1,500 जुर्माना

न्याय की राह

पीड़िता की दृष्टिहीनता और अल्पायु का फायदा उठाकर उसके अपनों ने जो अमानवीय कृत्य किए, उन्हें अदालत ने ‘घृणिततम अपराध’ मानते हुए कहा कि ऐसे अपराधियों के लिए समाज में कोई स्थान नहीं है।

अभियोजन पक्ष की ओर से अधिवक्ता श्री नरेश कौशिक ने तर्कों के माध्यम से अदालत को यह विश्वास दिलाया कि आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए, जिससे समाज में एक कठोर संदेश जाए।

यह केवल एक फैसला नहीं, चेतावनी है…

यह फैसला सिर्फ न्याय नहीं, बल्कि उन तमाम मासूमों की आवाज है जो अपने ही घरों में असुरक्षित हैं। विशेषकर जब अपराधी उनके ही अभिभावक बनकर विश्वास तोड़ते हैं।

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