Surajpur News: सूरजपुर | सरकार जहां एक ओर डिजिटल इंडिया और बैंकिंग को आसान बनाने की दिशा में काम कर रही है, वहीं गांवों में खोले गए च्वाइस सेंटर और आधार बैंकिंग सेंटर अब लूटखसोट का अड्डा बनते जा रहे हैं। ताजा मामला प्रतापपुर जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत दुरती से सामने आया है, जहां एक दुकानदार ने खाताधारक से डबल निकासी कर ली।
भोले-भाले ग्रामीण बने आसान शिकार
सरगुजा संभाग के ग्रामीण इलाके, जहां ज्यादातर लोग कम पढ़े-लिखे और मोबाइल इस्तेमाल में कमजोर हैं, वहां दुकानदारों ने आधार बैंकिंग का गलत फायदा उठाना शुरू कर दिया है। ग्रामीणों का आरोप है कि दुकानदार अंगूठा लगवाकर जरूरत से ज्यादा पैसे निकालते हैं और आधा पैसा ही ग्रामीणों को पकड़ाते हैं।
नेटवर्क की समस्या और SMS न आने के कारण लोगों को तुरंत जानकारी भी नहीं मिल पाती। कई बार तो खाताधारक को यह तक पता नहीं चलता कि उसके खाते से कितनी रकम निकाली गई है।
दुरती में खुला घोटाला
यह खेल उस वक्त बेनकाब हुआ, जब दुरती गांव के चलितर नामक खाताधारक ने 2 हजार रुपये निकालने का दावा किया, लेकिन बैंक पासबुक में 4 हजार रुपये की निकासी दर्ज मिली। गांव के एक युवक ने रजिस्टर में गड़बड़ी पकड़ ली, जिसके बाद हंगामा मच गया।
ग्रामीणों ने मौके पर संचालक शुभम गुप्ता को घेरा और डबल निकासी का आरोप लगाया। बताया जा रहा है कि शुभम गुप्ता ने गलती मानते हुए पीड़ित को पूरे 4 हजार रुपये लौटाने की बात कही।
तीन साल से चल रहा धंधा
जानकारी के मुताबिक शुभम गुप्ता पिछले तीन साल से छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक का फ्रेंचाइजी चला रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि इस दौरान सैकड़ों लोग इसी तरह ठगे जा चुके हैं। खासकर बुजुर्ग और महिलाएं, जिन्हें मोबाइल मैसेज तक पढ़ना नहीं आता।
मुआवजे के पैसे पर भी शक
ग्रामीणों ने खुलासा किया कि सेंधोपारा पंचायत के लोगों को एसईसीएल से जमीन अधिग्रहण का मुआवजा मिला था। बैंक दूर होने की वजह से अधिकांश लोग इसी आधार सेंटर से 25 हजार तक की निकासी करते रहे। अब ग्रामीणों को शक है कि लाखों रुपये की चपत लगाई गई है।
सरकार की मंशा पर पानी
ग्रामीणों का कहना है कि सरकार ने लोगों की सुविधा के लिए यह व्यवस्था दी थी, लेकिन कुछ लालची संचालक इसकी आड़ में खुलेआम लूट चला रहे हैं।
ग्रामीणों की मांग
गांव के लोग प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। ग्रामीण दिलीप कुमार ने कहा—
“हर दिन 50–60 लोग इस दुकान से निकासी करते हैं। दुकानदार सालों से ग्रामीणों को ठग रहा है। हम बैंक में भी शिकायत करेंगे।”
पीड़ित चलितर ने बताया—
“मैंने 2 हजार रुपये निकाले थे, लेकिन खाते से 4 हजार रुपये कट गए। जब पासबुक प्रिंट कराई, तभी असलियत सामने आई।”
युवक संदीप कुमार ने कहा—
“गांव के लोग अंगूठा लगाकर पैसे निकालते हैं। हमें पता चला कि बार-बार डबल निकासी हो रही है। ऐसे संचालक पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए।”