रायपुर, 19 सितंबर 2025। छत्तीसगढ़ के 3,200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में बड़ी कार्रवाई हुई है। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने शुक्रवार को पूर्व आबकारी आयुक्त और रिटायर्ड IAS अधिकारी निरंजन दास को गिरफ्तार कर लिया। लंबे समय से जांच एजेंसियों की रडार पर रहे दास पर आरोप है कि उन्होंने इस पूरे घोटाले की योजना बनाई और उसे लागू कराने में अहम भूमिका निभाई।
निरंजन दास पर गंभीर आरोप
कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में आबकारी विभाग के प्रमुख रहे दास पर आरोप है कि उन्होंने:
- विभाग में सक्रिय सिंडिकेट को संरक्षण दिया
- शासकीय शराब दुकानों में अनएकाउंटेड शराब की बिक्री करवाई
- ट्रांसफर-पोस्टिंग में हस्तक्षेप किया
- टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी की
- और दोषपूर्ण शराब नीति लागू कराई
इन कार्रवाइयों से सिंडिकेट को भारी मुनाफा हुआ और दास को भी करोड़ों रुपये का लाभ मिलने का आरोप है।
कोर्ट में पेशी और रिमांड की तैयारी
EOW ने दास को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। अब एजेंसी उन्हें रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है। गौरतलब है कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 9 मई तक गिरफ्तारी से राहत दी थी।
फरार आरोपी भी रडार पर
सूत्रों के अनुसार, ईओडब्ल्यू की टीम जब नितेश पुरोहित और यश पुरोहित को पकड़ने गिरिराज होटल पहुंची, तो दोनों वहां से फरार हो गए। इनके खिलाफ भी जल्द सख्त कार्रवाई हो सकती है।
कस्टम मिलिंग घोटाले में भी ED की कार्रवाई
शराब घोटाले के साथ-साथ 140 करोड़ रुपये के कस्टम मिलिंग प्रोत्साहन घोटाले की जांच भी तेज हो गई है।
- ED की टीम ने भिलाई और प्रदेश के 10 ठिकानों पर छापे मारे।
- भिलाई के तालपुरी इलाके में रिटायर्ड IAS डॉ. आलोक शुक्ला और सुधाकर राव के घर दबिश दी गई।
- ED ने घर की घेराबंदी कर दस्तावेज और लेन-देन से जुड़े कागजात जब्त किए।
- डॉ. शुक्ला घर पर नहीं मिले, लेकिन उन्हें नोटिस जारी किया गया है।
सूत्रों के मुताबिक, डॉ. शुक्ला विशेष कोर्ट में सरेंडर करने भी पहुंचे थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अभाव में वापस लौटना पड़ा।
बड़ा संदेश: जांच अब गहराई में
इन गिरफ्तारियों और छापेमारियों से साफ है कि छत्तीसगढ़ में फैले इन घोटालों की जांच अब और गहराई तक जाएगी।
- कई उच्च पदस्थ अधिकारियों और व्यापारियों के नाम सामने आ रहे हैं।
- शराब और कस्टम मिलिंग घोटाले, दोनों में राजनीति और प्रशासनिक तंत्र हिल सकता है।