19 सितंबर 2025 (शुक्रवार)। घरेलू शेयर बाजार में हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन तेज दबाव दिखा। बीएसई का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स आज 190 अंक टूटकर लगभग 61,850 के स्तर पर आ गया। वहीं एनएसई का निफ्टी 50 भी 25,400 के नीचे खुला और दिनभर इसी दबाव में रहा। शुरुआती कारोबार से ही मंदी का माहौल साफ दिखा, जिससे निवेशकों की चिंता बढ़ गई।
सेंसेक्स व निफ्टी — क्या वजह बनी गिरावट की?
आज के दिन सेंसेक्स और निफ्टी में कमजोरी का प्रमुख कारण वैश्विक बाजारों का नर्वस रुख रहा। विशेषकर अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों और ब्याज दरों में बढ़ोतरी की आशंका ने वैश्विक लेनदेन को प्रभावित किया, जिसका सीधा असर घरेलू बाजारों पर पड़ा। निवेशकों की बिकवाली बढ़ी और मार्केट में नकारात्मक सेंटीमेंट छा गया।
सेक्टरल परफॉर्मेंस: बैंकिंग और आईटी सबसे कमजोर
आज के सत्र में बैंकिंग और आईटी सेक्टर सबसे ज्यादा दबाव में रहे। प्रमुख बैंकिंग स्टॉक्स और बड़े आईटी शेयरों में भारी बिकवाली ने पूरे बाजार के मूड को प्रभावित किया। साथ ही मेटल और FMCG सेक्टर के शेयर भी दबाव में देखने को मिले।
किन सेक्टरों में दिखी राहत?
सारे सेक्टर्स में गिरावट के बावजूद ऑटो और फार्मा सेक्टर के कुछ शेयरों ने हल्की मजबूती दिखाई। इन सेक्टरों में निवेशकों का भरोसा बना हुआ है, जिससे बाजार में कुछ हद तक संतुलन बना रहा।
अडानी ग्रुप ने दी झलक — शेयरों में मजबूती
जहाँ अधिकतर बाजार दबाव में था, वहीं अडानी समूह के कई शेयरों में तेज़ी आई। अडानी एंटरप्राइजेज समेत समूह के प्रमुख स्टॉक्स में हुई तेजी ने संपूर्ण मार्केट की कमजोरी को पूरी तरह से नहीं रोका, लेकिन निवेशकों के मनोबल को कुछ हद तक बढ़ाया।
वैश्विक बाजारों का असर
भारतीय बाजार पर अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियों और संभावित दरवृद्धि की अटकलों का गहरा असर दिखा। साथ ही यूरोप और एशियाई बाजारों में भी कमजोरी रही, जिससे घरेलू निवेशक सतर्क रहे और बिकवाली का दबाव बना रहा।
निवेशकों के लिए सलाह
विशेषज्ञ सलाह दे रहे हैं कि इस तरह की अस्थिरता में संयम रखें।
- दिर्घकालिक निवेश पर ध्यान दें।
- तात्कालिक उतार-चढ़ाव से घबराएँ नहीं।
- पोर्टफोलियो को संतुलित रखें और सही स्टॉक्स का चयन करें।